Wednesday, October 10, 2012

राष्ट्रीय दामाद से पंगा? (व्यंग गीत)





(Google Images)

In practice, a banana republic is a country operated as a commercial enterprise for private profit, effected by the collusion (मिलीभगत) between the State and favoured monopolies, whereby the profits derived from private exploitation of public lands is private property, and the debts incurred are public responsibility.

http://en.wikipedia.org/wiki/Banana_republic



राष्ट्रीय  दामाद  से  पंगा? (व्यंग गीत) 




अरे    मूर्ख,   राष्ट्रीय   दामाद  से   क्यूँ   लिया   तुने   पंगा..!

लगता  है, `बनाना   रिपब्लिक` अनादि  से   है  भिखमंगा..!

(अनादि= अनंत )


१.


मंत्रीजी   उवाच,   `पुरानी   पत्नी   वो   मज़ा   नहीं   देती ?`

सच  होगा  शायद, साबित  हो गया  शौहर   घोर  लफंगा ?

अरे    मूर्ख,  राष्ट्रीय   दामाद  से  क्यूँ   लिया    तुने  पंगा..!


२.


मंत्रीजी  उवाच,`उनके   लिए  हमारी   जान भी   हाज़िर   है ?` 

सच    कहा,  सारा   देश   मरता  है  तो   मरे,  भूखा-नंगा..!

अरे    मूर्ख,  राष्ट्रीय   दामाद  से  क्यूँ   लिया    तुने  पंगा..!


३.


यहाँ   कौन   करेगा   जांच,  राष्ट्रीय    रद्दी   दामादों   की ?  

सुना  है, उनके  मन-मंदिर से  ज़्यादा  शौचालय  है  चंगा ?

अरे    मूर्ख,  राष्ट्रीय   दामाद  से  क्यूँ   लिया    तुने  पंगा..!

(रद्दी=  अनुपयोगी)


४.


देश  की   बरबादी   का   दूसरा  नाम  रख   दो `इतालिया` ?

फिर, बिना  शरम  कहो,  मेरे  अलावा  पूरा   देश   है  नंगा..! 

अरे    मूर्ख,  राष्ट्रीय   दामाद  से  क्यूँ   लिया    तुने  पंगा..!

(इतालिया= चरागाह= वह भूमि जो पशुओं के चरने के लिए खाली छोड़ दी गई हो । http://goo.gl/GkvaE )


नोट-  इतिहास के लेखकों के अनुसार तीसरी सदी ई. पू. में पहली बार पूरे देश का नाम इतालिया पड़ा। इतालया से ही आजकल का इताली या इटली शब्द बना। इतालिया नाम एक इतालियाई शब्द के यूनानी रूप "वाइतालिया" से लिया गया है जिसका अर्थ है "चरागाह"। यूनानी इटली को "इतालियम्" अर्थात् "चरागाह" कहते थे। 

अ..रे.., बुरा  मत  मानना, आप  मज़ाक  भी  नहीं  समझते  क्या? 


मार्कण्ड दवे । दिनांकः ०९-०९-२०१२.

3 comments:

  1. बहुत बढ़िया व्यंग्य

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  2. बहुत बढ़िया व्यंग्य |

    नई पोस्ट:-ओ कलम !!

    ReplyDelete
  3. अरे मूर्ख , राष्ट्रीय दामाद से क्यों लिया तूने पंगा ,

    लगता है बनाना रिपब्लिक अनादी से है नंगा .

    अशुद्ध रूप तुने हटायें ..............

    सच होगा ,शायद साबित हो गया ,

    शौहर बहुत लफंगा .

    बढ़िया रचना शानदार जानदार तंज आज के इंतजामिया पर .

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